शनिवार, 20 जुलाई 2024

कविता 16

  कविता 16


बचपन से

रंग बिरंगी शोख तितलियाँ 

बैठा करती थी फूलों पर

भागा करता था मैं

पीछे पीछे

छूना चाहा जब भी उनको

उड़ जाती थीं इतरा कर 

इठला कर 

मुझे थका कर ।


-आनन्द.पाठक-

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