नए वर्ष की प्रथम भेंट --- एक सूचना
मित्रो !
कुछ दिन पूर्व , अपनी एक प्रकाशाधीन पुस्तक - रोज़ तमाशा --मेरे आगे [ व्यंग्य संग्रह ] का आवरण पृष्ठ [ कवर ] आप लोगों से साझा किया था ।
आप लोगों के आशीर्वाद और शुभकामनाओं के फलस्वरूप उक्त पुस्तक अब प्रकाशित हो कर आ गई है और पाठकों के लिए उपलब्ध है ।
इसमे 29- व्यंग्य लेख संग्रहित हैं जो समाज में व्याप्त सामाजिक, राजनैतिक विद्रूपताओं पर और अन्य विसंगतियों पर लिखी गईं व्यंग्य कथाएँ, लघु व्यथाएँ हैं । इनमे से कुछ व्यंग्य-लेख
इस मंच पर समय समय पर लगाता रहा हूँ और आप की उत्साहवर्धक टिप्पणियाँ प्राप्त होती रही हैं ।
आदरणीय समीर लाल ’समीर’ जी ने इस संग्रह का आमुख लिख कर ’आशीर्वचन’ दिया है । समीर लाल जी स्वयं में व्यंग्य के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं और ’मोटिवेशनल लेखक भी हैं।
आप का एक एक ब्लाग -www.udantashtari.blogspot.com "उड़न तश्तरी’- के नाम से बहु चर्चित है। आमुख में लिखते हैं--
"---आज जब उनके [ आनन्द.पाठक के ] आने वाले व्यंग्य-संग्रह की पांडुलिपि से गुज़र रहा हूँ तब पुन: वही आश्चर्य मिश्रित प्रशंसा भाव से भरा हुआ हूँ ।
एक सिविल अभियन्ता जो गीत, ग़ज़ल, कविता,माहिया के माध्यम से दिल लिखता हो, वो दूसरी तरफ़ समाज में पसरी विद्रूपताओं पर कितनी पैनी नज़र रखता है ।
यह बात हैरान करती है ।---[ इसी पुस्तक से ]
यह मेरी आठवीं प्रकाशित पुस्तक है । जिनमे से 3- पुस्तकें तो व्यंग्य संग्रह की ही हैं । बाक़ी सब किताबें -गीत-ग़ज़ल-माहिया संग्रह की हैं।
शरणम श्रीमती जी [ व्यंग्य संग्रह ]
सुदामा की खाट [ -तदैव- ]
अल्लम गल्लम बैठ निठल्लम [ -तदैव ]
इन सभी पुस्तकॊ का प्रकाशन अयन प्रकाशन .नई दिल्ली ने किया है । यह तमाम पुस्तकें निम्न पते से प्राप्त की जा सकती है या सम्पर्क किया जा सकता है।
श्री संजय
अयन प्रकाशन
जे-19/39 ,राजापुरी ,उत्तम नगर
नई दिल्ली 110 059
Mobile/whatsapp 92113 12372
आशा है कि पूर्व की भाँति यह संग्रह भी आप लोगों को पसन्द आएगा।
पुस्तक के गुण-दोष की विवेचना /समीक्षा आप सुधी पाठकों से ज़्यादा कौन कर सकता है । आप की टिप्पणियों का स्वागत रहेगा।
सादर
-आनन्द.पाठक-