कविता 21 : आया ऊँट पहाड़ के नीचे--
आया ऊँट पहाड़ के नीचे
देख रहा है अँखियाँ मीचे
अयँ ?
मुझसे भी क्या कोई बड़ा है?
यहाँ सामने कौन खड़ा है?
सच में ऐसा होता है क्या !
मुझसे कोई ऊँचा है क्या !
जिसने देखा हो झाड़ बस !
वह क्या समझे है पहाड़ क्या !
अपने कद का रोब दिखाता
अपना ही बस गाता जाता
क्या करता फिर एक आदमी
सिर्फ़ हवा में
मुठ्ठी खींचे, दाँते भींचे
आया ऊँट पहाड़ के नीचे
आया उँट पहाड़ के नीचे ।
-आनन्द.पाठक