क़िस्त 97/07 [होली 2023]
1
होली के दिन आए
आए न बालमवा
मौसम भी तड़पाए
2
रंगों का है मौसम
खेल रहे कान्हा
राधा भी कहाँ है कम
3
है प्रेम का रंग ऐसा
रंग अलग कोई
चढ़ता ही नहीं वैसा
4
होली का मज़ा क्या है
रंग लगा मन पे
इस तन में रखा क्या है
5
गोरी हँस कर बोली
" मन ही नहीं भींगा
फिर कैसी यह होली
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 96/06
1
तुम पास जो आओ तो
प्यास मेरी देखो
खुल कर जो पिलाओ तो
2
कब प्यास बुझी सब की
नदियाँ प्यासी हैं
प्यासा है समन्दर भी
3
इक बार ही नाम लिया
नाम तेरा लेकर
जग ने बदनाम किया
4
मैं कैसे कह पाता
छू देती हो तुम
मन और महक जाता
5
मौसम महका महका
रंग लगा ऐसे
मन है बहका बहका
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 95/05
1
सपनों के शीश महल
टूट ही जाना है
सच, आज नहीं तो कल
2
चलने की तैय्यारी
आ मेरी माहिया
कुछ और निभा यारी
3
मेरी भी गली में आ
ओ मेरी माहिया !
अपनी तो झलक दिखला
4
कांटों से भरी राहें
हों तेरे घर की
फिर भी तुमको चाहें
5
आसान नहीं होतीं
प्रेमनगर वाली
गलियाँ सँकरी होती
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 94/04
1
कुछ यादें रह जाती
सूनी आँखों में
आँसू बन कर आतीं
2
कोई मिल जाता है
राह-ए-मुहब्बत में
फिर क्यों खो जाता है?
3
कलियाँ सहमी सहमी
माली की नज़रें
दिखतीं बहकी बहकी
4
कुछ अपनी सीमाएँ
मर्यादा की हैं
हम भूल नहीं जाएँ
5
मैं इक प्यासा राही
मिलना है मुझको
उस पार मेरा माही
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 93/ 03
1
दुनिया की छोड़ो तुम
क्या करना इसका
दिल से दिल जोड़ो तुम
2
ख़्वाबों में मिला करना
लौट के आऊँगा
इक दीप जला रखना
3
अब क्या मजबूरी है
और सुना माहिया
तेरी बात अधूरी है
4
जानी पहचानी सी
लगती है तेरी
कुछ मेरी कहानी सी
5
बाग़ों के बहारों का
रंग चढ़ा मुझ पर
कलियों के नज़ारों का
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 92/ 02
1
अब और न कर बातें
झेल चुकी हूँ मैं
हर बार तेरी घातें ।
2
टुकड़ा टुकड़ा जीवन
जोड़ के जीते हैं
जीने का है बन्धन
3
गो, सुनने में तीखे
पैसों के आगे
सब रिश्ते हैं फीके
4
आदाब मुहब्बत के
कुछ तो निभाते तुम
अन्दाज़ नज़ाक़त के
5
कैसी थी मुलाकातें
कुछ तो बता, गुइयाँ !
क्या क्या थी हुई बातें
-आनन्द.पाठक-
क़िस्त 91 /01
1
सावन के महीने में
आग लगी कैसी
गोरी के सीने में
2
भूले से आ जाते
सावन में साजन
झूले पे झुला जाते
3
सावन की फुहारों से
जलता है तन-मन
जैसे अंगारों से
4
रुक ! सुन तो ज़रा बादल !
कैसे है प्रियतम?
यह पूछ रही पायल
5
सावन की हरियाली
मस्त हुआ मौसम
कलियाँ भी मतवाली
-आनन्द.पाठक-