गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

कविता 01

 कविता 01


आप क्यों उदास रहते हैं ?
अतीत की कोई
अनकही व्यथा दर्द

आंखों में उतर आता है
नीरव आंखो की दो-बूंद
सागर की अतल गहराइयों से
कहीं ज्यादा गहरा
कहीं ज्यादा अगम्य हो जाता है

आप के अंतस का दावानल
सूर्य की तपती किरणों से

कहीं ज्यादा तप्त व दग्ध हो जाता है
उदासी का यह चादर फेंक दे अनंत में
और देखें अनागत वसंत
लहरों का उन्मुक्त प्रवाह
जिन्दगी की सुगंध
जो आप के आस-पास रहती हैं
फिर आप क्यों उदास रहते हैं
आप क्यों उदास रहते हैं

-आनन्द.पाठक-



यही कविता मेरी आवाज़ में सुने---



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें