गुरुवार, 24 अप्रैल 2025

कविता 30

  कविता 30 : आसुरी शक्तियाँ




आसुरी शक्तियाँ 
पाशविक प्रवृत्तियाँ
देवासुर संग्राम में
कल भी थी, आज भी है |
रावण मरा नहीं करता है
कंस सदा ज़िंदा रहता है
मन के अंदर   
सत्य असत्य का
 द्वंद सदा चलता रहता है ।
निर्भर करता 
आप किधर किस ओर खड़े हैं
कितना कब तक आप लड़े हैं ।

-आनन्द.पाठक-

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