शनिवार, 20 मार्च 2021

अनुभूतियाँ 04

 
 01
क़तरा क़तरा दर्द हमारा,
हर क़तरे में एक कहानी ।
शामिल है इसमे दुनिया की
मिलन-विरह की कथा पुरानी ।
  
02
जब से छोड़ गई तुम मुझ को
सूना दिल का  कोना कोना ।
कब तक साथ भला तुम चलती,
आज नहीं तो कल था होना ।
 
03
इतना सितम न ढाओ मुझ पर
टूट गया तो जुड़ न सकूँगा ।
लाख करोगी कोशिश तो भी,
चला गया तो मुड़ न सकूँगा ।
  
04
फूल-गन्ध का रिश्ता क्या है ?
तुम ने कभी नहीं जाना  है ।
जीवन भर का साथ  हमारा
लेकिन कब तुम ने माना है ।
  

-आनन्द.पाठक-

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