शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 49

 क़िस्त-49

 

:1:

ये इश्क़ है जान--जां,

तुम ने क्या समझा

यह राह बड़ी आसां ?

 

 :2:

ख़ामोश निगाहें भी,

कहती रहती हैं

कुछ मन की व्यथायें भी।

 

 :3:

कुछ ग़म की सौगातें,

जब से गई हो तुम

आँखों में कटी रातें।

 

 :4:

जाने वो  किधर रहता?

एक वही तो है,

जो सब की खबर रखता।

 

5

क्या जानू किस कारन ?

सावन भी बीता

आए न मेरे साजन ।

 

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