शनिवार, 19 अगस्त 2023

माहिया 98

 क़िस्त 98/ 08

रितु बासंती आई
और नशा भरती

गोरी की अँगड़ाई

आ मेरे हमजोली

साथ सजाते है

आँगन की रंगोली


3

भूली बिसरी यादें

सोने कब देतीं

करती रहतीं बातें


4

कुछ ख़्वाब तुम्हारे थे

और थे कुछ मेरे

सब कितने प्यारे थे


5

जीवन भर चलना है

वक़्त कहाँ रुकता

गिरना है सँभलना है




-आनन्द.पाठक-


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