गुरुवार, 25 मार्च 2021

माहिया 01

 

:01:

ये हुस्न का जादू है,

सर तो सजदे में,

पर दिल बेक़ाबू है |

      

:02:

आँखों में उतरना है,

टोक दिया दिल ने

कुछ और सँवरना है |

 

:03:

हम राह निहारेंगे,

आओ, न आओ तुम

हम फिर भी पुकारेंगे |

 

:04:

ख़्वाबों में बुला कर तुम,

छुप जाती हो क्यों

यूँ प्यास बढ़ा कर तुम ?

 

:05:

इक देश हमें जाना,

कैसा होगा, वो

जो देश है अनजाना ?

 

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