गुरुवार, 25 मार्च 2021

माहिया 02

 

क़िस्त 02

:1:

किस बात पे हो रूठे?

किस ने कहा तुम से,

सब रिश्ते हैं झूठे ?

 

:2:

जाना था, नहीं आते,

आ ही गए हो तो

कुछ देर ठहर जाते |

 

:3:

जब तुम ने नहीं माना

सच को सच मेरा ,

दुनिया ने कब जाना ।

 

:4:

आँखों के अन्दर है,

तब तक हैं आँसू

निकले तो समन्दर है |

 

:5:

आँसू में छुपा है ग़म,

कहने को क़तरा,

दरिया से नहीं है कम |

 

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