गुरुवार, 25 मार्च 2021

माहिया 11

 

क़िस्त 11

1

उल्फ़त की राहों से,

कौन नहीं गुज़रा

मासूम गुनाहों से।

 

2

आँसू न कहो इसको,

एक हिक़ायत है,

चुपके से पढ़ो इसको।

 

3

कुछ वस्ल की बातों में,

उम्र कटी मेरी

कुछ हिज्र की रातों में।

 

4

ये किसकी निगहबानी,

हुस्न है बेपरवा

और इश्क़ की नादानी।

 

5

तेरी चाल शराबी है,

क्यूँ न बहक जाऊँ,

मौसम भी गुलाबी है।

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