क़िस्त 16
1
किस बात पे हंगामा,
ज़ेर-ए-नज़र1 तेरी,
मेरा है अमलनामा।2
2
चाहो तो सज़ा दे दो
उफ़ न करेंगे हम
बस अपना पता दे दो
3
वो जितनी ज़फ़ा
करते
क्या जानेंगे वो
हम उतनी वफ़ा
करते
4
क़तरा-ए-समन्दर
हूँ
जितना हूँ बाहर
उतना ही अन्दर
हूँ
5
इज़हार-ए-मुहब्बत
है
रुसवा क्या होना
बस एक इबादत है
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