गुरुवार, 25 मार्च 2021

माहिया 22

 

 

क़िस्त 22

1

इक प्यास रहे ज़िन्दा,

तेरे होने का,

एहसास रहे ज़िन्दा।

 

2

आना था जब मुमकिन,

क्यों ना आए तुम,

ख़्वाबों में मेरे हर दिन ?

 

3

आँखों में समाए तुम,

और किधर देखूँ,

आए कि न आए तुम।

 

4

जिस दिल में न हों राधा,

साँसे तो पूरी,

लेकिन जीवन आधा।

 

5

रिमझिम रिमझिम बूँदें,

चाहत मेरी है,

तपते मन को छू दें।

 

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