क़िस्त 22
1
इक प्यास रहे ज़िन्दा,
तेरे होने का,
एहसास रहे ज़िन्दा।
2
आना था जब मुमकिन,
क्यों ना आए तुम,
ख़्वाबों में मेरे हर दिन
?
3
आँखों में समाए तुम,
और किधर देखूँ,
आए कि न आए तुम।
4
जिस दिल में न
हों राधा,
साँसे तो पूरी,
लेकिन जीवन आधा।
5
रिमझिम रिमझिम
बूँदें,
चाहत मेरी है,
तपते मन को छू
दें।
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