शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 27

  

क़िस्त 27

:1:

इठला कर चलता है,

जैसा हो मौसम,

ईमान बदलता है।

 

 :2:

इक आस अभी बाक़ी,

तेरे आने तक,

इक साँस अभी बाक़ी।

 

 :3:

क्या रंग--क़यामत है,

लहरा कर चलना,

 कुछ उसकी आदत है।

 

 :4:

गर्दिश में रहे जब हम,

दूर खड़ी दुनिया,

पर साथ खड़े थे ग़म।

 

5

कब एक-सा चलता है,

सुख-दुख का मौसम,

मौसम है, बदलता है।

 

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