शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 32

 क़िस्त 32

:1:

जब तुम ने नहीं माना,

टूटे रिश्तों को

फिर क्या ढोते जाना।

 

 :2:

इस दिल ने पुकारा है,

ख़ामोशी तेरी

मुझ को न गवारा है।

 

 :3:

तुम तोड़ गए सपने,

ऐसा भी होगा

सोचा था नहीं हमने।

 

  :4:

जब तुम को छकाना है,

आँख मिचौली में

तुम से छुप जाना है।

 

5

हर रंग जो सच्चा है,

प्रीति मिला दें तो

हर रंग से अच्छा है

 

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