शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 33

 क़िस्त 33

1

भर दो इस झोली में,

प्यार भरे सपने

इस बार की होली में।

 

2

मत मारो पिचकारी,

कोरी है अबतक

तन की मेरी सारी।

 

3

रंगोली आँगन की,

देख रही राहें

साजन के आवन की।

 

4

मन ऐसा रँगा माहिया,

जितना मैं धोऊँ

उतना ही चढ़ा माहिया।

 

5

मुश्किल की पहल आए,

सब्र न खो देना

इक राह निकल आए।

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