शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 35

 क़िस्त 35

 

:1:

 सजदे में इधर हैं हम,

और उधर दिल है

दर पर तेरे जानम।

 

  ;2;

 जब से है तुम्हें देखा,

 दिल ने कब मानी

 कोई लछ्मन  रेखा।

 

  :3:

 क्या बात हुई ऐसी?

 दिल में अब तेरे,

 चाहत न रही वैसी।

 

  :4:

 समझो न कि पानी है, 

 क़तरा आँसू का

 ख़ुद एक कहानी है।

 

5

इक राह अनोखी है,

जाना है सब को

पर किसने देखी है?

 

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