शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 39

 क़िस्त 39

:1:

वह ख़्वाब दिखाते हैं,

जन्नत के हक़ में

जन्नत ही जलाते हैं।

 

  :2;

 नफ़रत, शोले, फ़ित्ने

 बस्ती जली किसकी

 रोटी सेंकी, किसने ?

 

  :3:

यह कैसी सियासत है?

धुन्ध, धुँआ केवल

यह किस की विरासत है?

 

  ;4:

 रहबर बन कर आते,

 छोटे बच्चों से,

 पत्थर हैं चलवाते। 

 

5

यह इश्क़ इबादत है,

 दैर--हरम 1 दिल है,

फिर किसकी ज़ियारत है।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें