शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 46

 क़िस्त-46

:1:

रेती पे घरौंदे हैं,

बह जाते सपने

लहरों ने रौदें हैं।

 

:2:

ख़ुशियाँ हैं, पसीना है,

जीने का मतलब,

हर रंग में जीना है।

 

:3:

क्यों बात कही आधी?

और सुना माही !

है रात अभी बाक़ी।

 

:4:

यूँ तो सबसे नाता,

कौन हुआ किसका

जब वक़्त बुरा आता?

 

5

आजीवन क्यों क्रन्दन,

ख़ुद ही बाँधा है,

 माया का जब बन्धन?

 

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