क़िस्त-46
:1:
रेती पे घरौंदे हैं,
बह जाते सपने
लहरों ने रौदें हैं।
:2:
ख़ुशियाँ हैं, पसीना है,
जीने का मतलब,
हर रंग में जीना है।
:3:
क्यों बात कही
आधी?
और सुना माही !
है रात अभी बाक़ी।
:4:
यूँ तो सबसे
नाता,
कौन हुआ किसका
जब वक़्त बुरा
आता?
5
आजीवन क्यों
क्रन्दन,
ख़ुद ही बाँधा है,
माया का जब बन्धन?
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