शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 47

 क़िस्त-47

 

:1:
सब साफ़ दिखे मन से,
धूल हटा पहले,
इस मन के दरपन से ।

 

:2:
अब इश्क़ नुमाई1 क्या !
दिल से तुम्हे चाहा,
हर रोज़ गवाही क्या !

 

:3:

मरने के ठिकाने सौ,
दुनिया में फिर भी,
जीने के बहाने सौ।

 

:4:
क्या ढूँढ रहा, पगले!
मिल जायेगा वो,
मन तो बस में कर ले।

 

5

माया को सच माना,

मद में है प्राणी.

उफ़! कितना अनजाना।

 

1 प्रेम प्रदर्शन

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