शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 57

 क़िस्त 57

1

वादा करना आसाँ

कौन निभाता है?

, मेरे दिल-ए-नादाँ

 

2

जब हो ही गए रुस्वा,

छोड़ो जाने दो,

क्या तुम से गिला शिकवा।

 

3

खुद को तो छुपा लोगी

ख़ुशबू जुल्फ़ों की

तुम कैसे छुपाओगी?

 

4

ये ग़ैब अदा किसकी?

दिल पे तारी है,

हर साँस सदा किसकी?

 

5

तसवीर तेरी, बातें,

करती रहती हैं,

कटती रहती  रातें|

 

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