शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 66

 क़िस्त 66

 

1

कब इश्क़ रहा आसाँ?

चल ही पड़ा है तो,

रुकना न दिल-ए-नादाँ।

 

2

दिल था भोला भाला,

होम किया जब जब,

ख़ुद हाथ जला डाला।

 

3

तुमको तो नहीं आना,

मान लिया मैने,

पर दिल ने नहीं माना।

 

4

दीदार न होना है,

वाक़िफ़ हूँ मैं भी,

पर ख़्वाब सजोना है।

 

5

कब तुमने निभाया है,

झूठे वादे पर,

दिल फिर भी आया है।

 

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