शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 68

 क़िस्त 68

1

दिल ने कब है रोका,

राह-ए-मुहब्बत में,

दुनिया ने बस टोका।

 

2

हल्की हल्की छाया,

धूप लगी इतनी,

मैं सो भी नहीं पाया।

 

3

हमदम भी वहीं छूटा,

दिल में ख़ुदगरजी,

रिश्ता भी वहीं टूटा।

 

4

कब तुम को आना था?

कह तो दिया तुम ने,

वादा न निभाना था।

 

5

दिन रात की हैं बातें,

सोच रहा है दिल,

कैसे हो मुलाकातें।

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