क़िस्त 78
: 15-अगस्त
पर :
1
यह पर्व है जन-जन का,
करना है अर्पण,
अपने तन-मन-धन का।
2
सौ बार नमन मेरा,
वीर शहीदों को,
जिनसे है चमन मेरा।
3
हासिल है आज़ादी,
रंग तिरंगे का,
क्यों आज है फ़रियादी?
4
जब तक सीने में दम,
झुकने मत देना,
भारत का यह परचम।
5
इस ध्वज का मान रहे,
लहराए नभ में,
भारत की शान रहे।
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