शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 81

 क़िस्त 81


1
इतना न झुकाओ सर,
ध्यान रहे इतना,
दस्तार रहे सर पर। 


2
हलचल सी है मन में, 
महकीं फिर यादें।
मन के इस उपवन में। 


3
कुछ लुत्फ़-ओ-इनायत भी,
उल्फ़त में होती, 
कुछ शिकवा शिकायत भी।


4

जो कह न सकी वो भी,

सुन मेरे माही !

जो सह न सकी वो भी।


5
बदरा बरसै झम झम,
नाचै मन मोरा,
पायल बोले छम छम। 

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