शुक्रवार, 26 मार्च 2021

माहिया 86

 क़िस्त 86

 

1
आँखें कुछ कहती हैं,
पढ़ जो सको पढ़ लो
ख़ामोश क्यूँ रहती हैं !


2
वादा न निभाते हो,
तोड़ ही जब देना,
क्यों क़स्में खाते हो?


3
दिल से दिल की दूरी,
तुम ने बना रख्खी,
क्यों, क्या है मजबूरी ?


4
क्यों बात कही आधी,

और सुना माही !

है रात अभी बाक़ी।

 

5
साने से ढला आँचल,
कुछ तो कहता है,
कुछ समझा कर,पागल !

 

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