1
आने वाले कल को किसने
देखा है या कब सोचा
है
लेकिन सपने बुनते रहते
जान रहे हैं सब धोखा है
2
किसको फ़ुरसत सुने हमारी
सब के अपने अपने ग़म हैं
ऊपर ऊपर हँसते रहते
भीतर भीतर आँखें नम है ।
3
लोगों के ग़म एक तरफ़ हैं
अपना ग़म लगता है बढ़ कर
और तुम्हारे हुस्न का जादू
बोल रहा है सर पर चढ़ कर
4
कितने थे मासूम तुम्हारे
प्रश्न कभीपूछा करती थी
प्यार मुहब्बत क्या होता है
जीवन क्या ? सोचा करती थी
-आनन्द.पाठक-
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