अनुभूतियाँ 38
1
इतने दिन तक तुम ने मुझको
देखा, परखा, सोचा होगा
कितना साथ निभा पायेगा
अपने दिल से पूछा होगा
2
तेरी हसरत ,मेरी हसरत
बीज प्यार का छुप छुप बोती
आगे अब तो रब की मरजी
उल्फ़त होगी या ना होगी
3
तनहाई में दीवारों से
बातें करती यादें सारी
दिल कुछ कहता इस से पहले
बोल उठी तसवीर तुम्हारी
4
जब से तोड़ गई हो दिल को
हुआ आइना हर इक टुकड़ा
चुन चुन कर बैठा हूँ कब से
लेकिन कौन सुनेगा दुखड़ा
-आनन्द.पाठक-
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