1
प्यार मुहब्बत इश्क़ आरज़ू
बातें सभी किताबों में है
लेकिन है दीदार नही क्यों
आता रहता ख़्वाबों में है
2
आँसू ग़म से भरे क़लम से
लिखा हुआ ख़त भेज न पाया
लिखने को तो बात बहुत थी
क्या क्या लिखता ,समझ न पाया
3
जो भी होगा ,अच्छा होगा
कुछ तो होगा रब के मन में
क्यों रोता है निशदिन, पगले!
अच्छा भी होगा जीवन में
4
कौन यहाँ सुनने को आतुर
मेरी वो अनकही कहानी
जिसे अगर सुन ले कोई तो
आँखों में भर आए पानी
प्यार मुहब्बत इश्क़ आरज़ू
बातें सभी किताबों में है
लेकिन है दीदार नही क्यों
आता रहता ख़्वाबों में है
आँसू ग़म से भरे क़लम से
लिखा हुआ ख़त भेज न पाया
लिखने को तो बात बहुत थी
क्या क्या लिखता ,समझ न पाया
जो भी होगा ,अच्छा होगा
कुछ तो होगा रब के मन में
क्यों रोता है निशदिन, पगले!
अच्छा भी होगा जीवन में
कौन यहाँ सुनने को आतुर
मेरी वो अनकही कहानी
जिसे अगर सुन ले कोई तो
आँखों में भर आए पानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें