शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

अनुभूतियाँ 42

 1
कैसे पूछूँ हाल तुम्हारा ?
कह दोगी –“ क्या तुम से मतलब?’
ख़ार अभी तक खाए बैठी
कौन उसे समझाए ,या रब !
 2
मौसम आएँगे,जाएँगे
अब की बार न तुम आओगी
याद तुम्हारी पास रहेगी
दूर कहाँ तक तुम जाओगी
 3
दवा आज की ली कि नहीं तुम ?
पूछूँगा तो लगे छलावा
कह दोगी-“ छोड़ो हमदर्दी-
बहुत हो चुका झूठ दिखावा “।
 4
मलय-गन्ध से भींगी भींगी
आएगी जब याद तुम्हारी
उतने से ही हो जायेगी
तनहाई गुलजार हमारी

-आनन्द.पाठक-

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