शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

अनुभूतियाँ 49

 
1
ध्यान हमेशा अपना रखना
जब न रहूँगी  मैं ,जीवन में
साँस साँस में घुली रहूँगी
याद रखोगे जब चिन्तन में
 
2
कौन रखेगा ध्यान तुम्हारा
खुद से लापरवाह बहुत हो
दुनिया भर के ग़म पालो हो
ग़ैरों के ख़ैरख़्वाह बहुत हो
 
3
मन दीवाना भटक रहा है
साध सको तो साथ लो इसको
अपनी वेणी में गजरे-सा
बाँध सको तो बाँध लो इसको
4
कौन सी जादूगरी तुम्हारी
गायब भी हो ,हाज़िर भी हो
यह है कैसी अदा तुम्हारी
छुपती भी हो ज़ाहिर भी हो

-आनन्द.पाठक-

 

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