शुक्रवार, 2 अप्रैल 2021

अनुभूतियाँ 55

 

क़िस्त --55

1
सफ़र ख़तम होने वाला है
राह आख़िरी की तैयारी
बहुत शुक्रिया साथी मेरे !
बहुत निभाई तुम ने यारी

 
2
नया सफ़र हो तुम्हे मुबारक
साथी तुमको मिला नया है
जितना साथ रही तुम,काफी
मेरी छोड़ो मेरा क्या  है !

3
सौ बातों की एक बात है
बीत गई सो अब जाने दो
नई हवाएँ चन्दन वन से
आती हैं तो अब आने दो
 
4
तेरा ही ख़ुद का चेहरा था
देखा जो तूने दरपन में
चौंक गए क्यों ? ख़ौफ़जदा क्यों?
अक्स वही था जो था मन में 
 


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