मंगलवार, 3 अगस्त 2021

अनुभूतियाँ 75

 क़िस्त 75

 297

जीवन क्या है ? ख़ुद ना समझा

लेकिन लाख  शिकायत उससे

सफ़र अकेला कैसे कटता

अगर न होती उलफ़त उससे


298

बात ’अना’ की करते रहते

कभी निकल कर  बाहर आओ

फिर देखो दुनिया कैसी है

सब की नज़रों में छ जाओ


299

व्यर्थ बह्स क्या करना इस पर

किसने किसको छोड़ा पहले

बात वहीं फिर लौट के आती 

किसने दिल को तोड़ा पहले


300

बात नहीं मानोगी मेरी

वही पुरानी जिद,अड़ जाना

छोटी छोटी बातों पर भी

बिना बात मुझ से लड़ जाना

-आनन्द.पाठक-

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